रिपोर्टर अंशुल मित्तल ग्वालियर
ग्वालियर में नागरिक सहकारी बैंक मुख्य शाखा जोगी गोविंदपुरी में स्थित है यहां कमीशन खोरी का एक बड़ा मामला सामने आया है, जिसमें नॉन एस एल आर के तहत किए गए इन्वेस्टमेंट में जिम्मेदारों द्वारा बड़ी गड़बड़ी कर जनता के पैसे की बंदरबांट की गई, जिसकी शिकायत सहकारिता विभाग में कई बार की जा चुकी है परंतु यहां के जांच अधिकारी मामले को रफा-दफा करने में लगे हुए हैं
मामला ऐसा है कि बैंक की मुख्य शाखा से नोन एस एल आर इन्वेस्टमेंट के तहत कहीं और पैसा इन्वेस्ट ना करते हुए सिर्फ म्यूचल फंड में पैसा इन्वेस्ट किया गया,, इसके अलावा बिना कोई विज्ञप्ति निकाले अपने चाहतों पवन चावला और अमित अग्रवाल को एजेंट बनाकर इनके माध्यम से करोड़ों रुपए का इन्वेस्ट म्यूचल फंड में किया गया, जिसका कमीशन जो कि एक बहुत बड़ी रकम के रूप में सामने आ सकता है इस रकम का गबन किया गया,, मामला तब उजागर हुआ जब बैंक के अधिकारियों ने कमीशन से आने वाली बहुत बड़ी रकम को बैंक के सस्पेंस खाते में बिना केवाईसी के ही ले लिया जोकि RBI और SEBI के नियमों के खिलाफ है, इसके अलावा बैंक की तत्कालीन अधिकारी आज तक यह बताने में असमर्थ हैं कि बैंक की सस्पेंस खाते में आया पैसा कहां से आया और कहां गया,,
गौरतलब है कि इस घोटाले को पिछले तकरीबन 10:00 12 वर्षों से अंजाम दिया जा रहा था इस हिसाब से गबन की जा चुकी रकम बहुत बड़ी होकर करोड़ों में हो सकती है
*जांच को दबाने में लगे हुए हैं सहकारिता अधिकारी*
इस मामले की शिकायत बीते वर्ष सितंबर माह में लिखित रूप से सहकारिता विभाग को की जा चुकी है, जिसके साथ घोटाले के सारे सबूत भी विभाग को दिए गए हैं, परंतु वहां के अधिकारी आज तक यही कहते नजर आते हैं कि बैंक की तरफ से नोटिस का जवाब अभी नहीं आया है,, यहां सवाल पैदा होता है कि क्यों निष्पक्ष रूप से इस मामले की जांच नहीं की जा रही है?? सबसे बड़ी बात यह है कि यह पैसा जनता का है जिसकी विभाग के द्वारा जनता को कोई जानकारी नहीं दी जाती है, क्योंकि यह बैंक सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के अंतर्गत नहीं आता है इसलिए बैंक के सफेदपोश अधिकारी और कर्मचारी इस तरह के घोटालों को अंजाम देने में कामयाब हो जाते हैं..
इनका कहना है- शिकायत की जांच अभी चल रही है बस रिपोर्ट लगाना बाकी है
एफ. ए. खान, जांच अधिकारी, सहकारिता विभाग, जिला ग्वालियर