संचालक लोक शिक्षण विभाग भोपाल के आदेश की अवहेलना ,डीसीपी ने अब तक नहीं किया   कार्यमुक्त करने का आदेश

 


 
प्रसारण रिपोर्टर 
ताल


वाहिद खान पठान


विगत दिनों प्रसारण समाचार पत्र द्वारा प्रमुखता से शिक्षा विभाग में एक वरिष्ठ शिक्षक को बीआरसीसी के पद पर नियुक्ति पदोन्नति के आदेश को लेकर प्रमुखता से खबर का प्रकाशन किया गया था जिसमें प्रकाशित किया गया था कि 
जिला शिक्षा कार्यालय मैं बैठे जिम्मेदारों के द्वारा अपने  वरिष्ठ अधिकारियों को अंधेरे में रखकर दी जाती है गलत जानकारी ,मामला ताल के आर्थिक अनियमितता के  दो वरिष्ठ अध्यापकों का,आर्थिक अनियमितता के प्रकरण में उलझे दो वरिष्ठ अध्यापकों में से एक वरिष्ठ अध्यापक का तो शिक्षा विभाग में संविलियन कर दिया गया एवं दूसरे वरिष्ठ अध्यापक को इसी आधार पर संविलियन से वंचित कर दिया गया । हाल ही में इस तरह का  मामला सामने आने पर विभाग ने अपनी साख बचाने के लिए शिक्षा विभाग में संविलियन किए गए वरिष्ठ अध्यापक को भी पुनः नगरीय निकाय का अध्यापक बनाकर उनकी मूल संस्था में भेजने के आदेश प्रसारित कर दिए हैं।


 प्राप्त जानकारी के अनुसार मामला शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय ताल में कार्यरत वरिष्ठ अध्यापक प्रदीप बेस एवं सतीश गौड़ का है ।पिछले वर्ष राज्य शासन के निर्णय के अनुसार नगरीय निकायों में कार्यरत वरिष्ठ अध्यापकों  को शिक्षा विभाग में संविलियन कर उच्च माध्यमिक शिक्षक बनाया जाना था। इसके लिए जिला स्तरीय समिति का गठन किया गया था ।समिति को संविलियन के पूर्व सभी वरिष्ठ अध्यापकों की जांच करना थी कि उनके विरुद्ध विभागीय जांच या आर्थिक अनियमितता के प्रकरण लंबित तो नहीं है। समिति की अनुशंसा के बाद लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल द्वारा उच्च माध्यमिक शिक्षकों के आदेश जारी किए गए थे ।जिला स्तरीय समिति द्वारा रतलाम जिले से वरिष्ठ अध्यापकों की जो सूची भेजी गई थी उसमें प्रदीप बैस का नाम क्रमांक 35 एवं सतीश गौड़ का नाम क्रमांक 36 पर नाम अंकित था। समिति द्वारा क्रमांक 36 के नाम के सम्मुख विभागीय जांच प्रचलित होने का अभिमत अंकित किया गया था। इस कारण उनका उच्च माध्यमिक शिक्षक के पद पर संविलियन नहीं किया गया जबकि क्रमांक 35 पर  इस तरह की कोई टिप्पणी नहीं की गई जबकि पूर्व में जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय द्वारा इन दोनों के ही विरुद्ध आर्थिक अनियमितताओं की जांच की गई थी जिसमें श्री प्रदीप बेस पर चार लाख 21000 की रिकवरी निकली थी ।इस रिकवरी को श्री बैस से ₹10000 प्रति माह के हिसाब से वसूल किया जाना था। साथ ही उनकी दो वेतन वृद्धि भी संचयी प्रभाव से रोकी गई थी एवं भविष्य में उनसे किसी भी प्रकार का वित्तीय कार्य  नहीं लिए जाने के संबंध में भी उन्हें दंडित किया गया था ।इस संबंध में श्री बेस एवं सतीश गौड़ ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। उच्च न्यायालय ने भी इनकी याचिका का निपटारा करते हुए दोबारा विभागीय जांच  कर निर्णय लिए जाने के लिए निर्देश दिए गए थे। उच्च न्यायालय के निर्णय के अनुसार जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय द्वारा पुनः विभागीय जांच संस्थित करके अनियमितताओं की जांच की जानी थी ।ऐसा नहीं करते हुए श्री बैस को शिक्षा विभाग में संविलियन कर उच्च माध्यमिक शिक्षक के पद पर पदस्थ कर दिया गया। बाद में उनके स्वैच्छिक आवेदन के आधार पर लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा उन्हें शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय आलोट में स्थानांतरित कर दिया गया ।उन्हें आलोट जनपद शिक्षा केंद्र का बीआरसीसी भी बना दिया गया। वहीं उक्त संबंध में  दैनिक प्रसारण के ताल संवाददाता  द्वारा  सूचना का अधिकार अंतर्गत जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से जानकारी चाही गई थी  कि आज दिनांक तक उक्त दोनों शिक्षकों के विरुद्ध विभाग द्वारा क्या कार्रवाई की गई है आधी बिंदुओं पर जानकारी चाही गई थी जिसमें  शिक्षा विभाग द्वारा आधी अधूरी  जानकारी दी गई । वहीं उक्त मामले में विश्वस्त सूत्रों के अनुसार संविलियन से वंचित श्री गौड़ ने इस संबंध में जब अधिकारियों को शिकायत की तब लोक शिक्षण संचालनालय को वास्तविक स्थिति का पता चला। लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा इस प्रकरण के संज्ञान में आने के तुरंत बाद श्री बेस के उच्च माध्यमिक पद पर हुए संविलियन को निरस्त करते हुए उनके मूल पद वरिष्ठ अध्यापक के पद पर पदस्थ करते हुए उनकी मूल संस्था शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय ताल में पदस्थ करने के आदेश प्रसारित किए हैं ।इस कार्रवाई से शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। विभाग के अधिकारी अपनी साख बचाने के लिए नए बहाने बना रहे हैं ।अब देखना यह है कि लोक शिक्षण संचालनालय को जिला शिक्षा कार्यालय रतलाम व समिति द्वारा गलत जानकारी देने वालों के विरुद्ध कोई कार्रवाई करता है या मामला रफा-दफा कर दीया जाता है?


 उक्त संबंध में जब इस संवाददाता के द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी श्री के सी शर्मा से जानकारी चाही तो उन्होंने बताया कि उक्त मामला तत्कालीन अधिकारी के समय का है परंतु मामला संज्ञान में आने के बाद उक्त  त्रुटि को सुधार करने हेतु वास्तविक जानकारी लोक शिक्षण संचनालय के कार्यालय को प्रेषित की जा चुकी है एवं इसी आधार पर वहां से संबंधित पर कार्यवाही कर उसे मूल पद पर पहुंचाये  जाने के आदेश जारी किए गए हैं।


 उक्त खबर प्रकाशित होने के उपरांत अधिकांश अन्य समाचार पत्रों द्वारा प्रमुखता से उक्त खबर का प्रकाशन किया गया था परंतु उक्त खबर के प्रकाशन के उपरांत भी संचालक लोक शिक्षण विभाग भोपाल द्वारा जो 10 फरवरी को आदेश जारी किया गया उक्त आदेश का पालन आज दिनांक तक नहीं हो पाया है, जिस संबंध में ऐसा प्रतीत होता है कि पूरे मामले में कहीं ना कहीं शंका कुशंकाओं को जन्म दे रहा है ?व  अधिकारी का एक और कह रहे हैं कि  रिलीव करने के आदेश जारी किए जाएंगे तो दूसरी और कह रहे हैं कि रिलीव करने की आदेश आफ  लाइन लेने में संबंधित शिक्षक द्वारा आनाकानी की जा रही है जिस कारण  ऑनलाइन आदेश जारी किए गए हैं ।इससे स्पष्ट रूप से प्रतीत होता है कि संचालक लोक शिक्षा विभाग भोपाल के आदेश की पालन करना जिन अधिकारियों की जिम्मेदारी है वे अधिकारी उक्त आदेश का पालन नहीं करते हुए अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ रहे हैं एवं टालमटोल कर रहे हैं ,शासन प्रशासन को चाहिए कि पूरे मामले में जांच कराते हुए तत्कालीन दोषियों के खिलाफ जो भी तत्काल अधिकारी दोषी हो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाना चाहिए, ताकि आम जनता का विश्वास बना रहे ।


उक्त संबंध में इनका कहना है-


 डीपीसी रतलाम कार्यमुक्त करेंगे क्योंकि उन्होंने ही बीआरसीसी बनाया है।
                       के सी शर्मा
                    डी ओ रतलाम 


 


  प्रदीप  बैस ने कार्यमुक्त होने के ऑफ लाइन आदेश को लेने में आनाकानी की जिस कारण उन्हें  कार्यमुक्त कर मूल संस्था जाने हेतु ऑनलाइन आदेश जारी कर दिया गया है । 


       फिरोज खान 


प्राचार्य हायर सेकेंडरी स्कूल 
          आलोट



 मैं सोमवार को किसी अन्य को चार्ज दिलवाकर प्रदीप बैस  को बीआरसीसी आलोट के पद से कार्यमुक्त कर दूंगा।



               अमर वरधानी 
              डीपीसी रतलाम


 


18 फरवरी को प्रदीप बेस को आलोट से ऑनलाइन रिलीव कर दिया है ,जिसकी जानकारी हमें ऑनलाइन मिल चुकी है, किंतु संबंधित ने स्वयं ने अभी तक मूल संस्था में उपस्थित नहीं हुए हैं ।


      राजीव लोचन कुशवाह
 प्राचार्य शासकीय बालक उच्चतर           
     माध्यमिक विद्यालय ताल