राष्ट्रसंत की सिंकदर कप्पू समाज ने आगवानी कर पाद प्रक्षालन व आरती उतारी

 


सिंकदर कम्पू जैन मदिर में धर्मसभा में राश्ट्रसंत मुनिश्री विहर्श सागर महाराज ने कहा कि
 *मनुष्य को अहंकारी नहीं, संस्कारी बनना चाहिए*


 राष्ट्रसंत मुनिश्री विहर्ष सागर ससंघ का आज सिंकदर कम्पू जैन समाज ने आगवानी की


    ग्वालियर-जो मनुष्य अपने मन को एकांत कर भगवान का तप और जप करता है, उसका जीवन अवश्य ही सफल हो जाता है। इसके अलावा जो इन चीजों से वंचित रह जाता है उसके पास अंत तक पछताने के अलावा कुछ नहीं बचता है। उक्त उद्गार जैन राश्ट्रसंत मुनिश्री विहर्ष सागर महाराज ने आज रविवार को सिंकदर कम्पू स्थित दिगंबर शांतिनाथ जैन मदिर में प्रवेश के दौरान धर्मसभा में व्यक्त किए।


    मुनिश्री ने कहा त्यागी को रोग वैराग्य के लिए होता है, जबकि भोगी को रोग रोने के लिए अर्थात शोक के लिए होता है। जो व्यक्ति स्वयं को संभालता है वही दूसरों को संभाल सकता है। जो स्वयं तैरना सीखा नहीं वह दूसरे को क्या तैरना सिखाएगा। वह दुख तो डूबेगा ही दूसरे को भी डुबा देगा। मनुष्य को अपने जीवन में अहंकारी नहीं संस्कारी बनना चाहिए। क्योंकि जिस प्रकार से अहंकार जीवन का नाश कर देता है और फुटपाथ पर लाकर खड़ा कर देता है। उसके विपरीत जो मनुष्य संस्कारी बनकर अपने जीवन में धर्म, दान-पुण्य का काम करता है, उसके जीवन का कल्याण हो जाता है। इसलिए अहंकार छोड़ संस्कारी बनो तो होगा जीवन सफल। सोचें समझें फिर काम करें। अधिकांश देखने में आता है कि मनुष्य किसी काम को बिना सोचे-समझे ही करने के लिए चल पड़ता है। इससे उसको आगे जाकर नुकसान उठाना पड़ता है। इसलिए जो भी काम करें, उसके बारे में सबसे पहले जानें। इससे नुकसान भी नहीं होगा। प्रवचन से मंदिर समिति, जैन युवा मिलन, जैन विहर्ष महिला मंडल, दिगबर युवा जागरण मंच, राजेश जैन मित्र मंडली आदि ने श्रीफल चढ़ाकर आर्षिवाद लिया।


*मुनिश्री कीे पूर्व मंत्री ने आगवानी कर आशीवाद लिया*


   जैन समाज के प्रवक्ता सचिन जैन आदर्श कलम ने बताया कि पूर्व मंत्री नारायण सिंह कुषवाह एवं समाज के लालमणि वरैया बाबूजी ने आगवानी कर राश्ट्रसंत मुनिश्री विहर्ष सागर महाराज से आशीवाद लिया। इस मौके पर  राजेश जैन, कोमलचंद्र जैन, धमेंद्र जैन, महेद्र जैन मौजूद थे।


*राष्ट्रसंत की सिंकदर कप्पू समाज ने आगवानी कर पाद प्रक्षालन व आरती उतारी*


    राष्ट्रसंत मुनिश्री विहर्ष सागर महाराज ससंघ आज सुबह लोहमंडी से पद विहार कर सिंकदर कम्पू स्थित दिंगबर शांतिनाथ जैन मंदिर में गाजे बाजे के साथ समाजजनों ने आगवानी की। राष्ट्रसंत मुनिश्री विहर्ष सागर महाराज जिन मार्गो से निकाले उस मार्ग पर दिगम्बर जैन महिलाओ सामूहिक रूप से डाडिया एवं जैन समाज के श्रद्धालृओ ने पाद प्रक्षालन कर आरती उतारी के आर्षिवाद लिया। 


*9 वीं मुनिदीक्षा जयंती पर होगे कार्यक्रम आयोजित*


    जैन समाज के प्रवक्ता सचिन जैन आदर्ष कलम ने बताया कि जैन मिलन ग्वालियर की ओर से मुनिश्री विजयेश सागर महाराज का 9 वीं मुनिदीक्षा जंयती 27 फरवरी को नई सड़क स्थित चांपबाग धर्मशाला में राष्ट्रसंत मुनिश्री विहर्ष सागर महाराज एवं क्षुल्लक श्री विषोत्तर सागर महाराज के पावन सानिध्य में बनाई जाऐगी। मुनिश्री का प्रवास 25, 26, और 27 फरवरी को दाना ओली स्थित चंपाबाग जैन मदिर में रहेगा।


*सचिन जैन आदर्ष कलम (प्रवक्ता जैन समाज ग्वा.)मो*..9575360544.7974836323