रिपोर्ट : के .रवि ( दादा ) ,
हम भारत देश वासियों ने अब तक देखा के हमारे देश के वीर जवानों ने देश के तिरंगे को बचाने के लिए अपने जान तक परवाह ना करते हुए तिरंगे को सही सलामत बचाया . खैर हम यह कह सकते है के वह तो सैनिकों का फ़र्ज़ ही बनता है .पर जब कोई सम शहरी इसी तिरंगे को बचाने के लिए अपने जान की परवाह ना करते हुए दौड़ लगाकर जब तिरंगे को बचाते है तो देश की नजरो में उनकी अहमियत एक सैनिक से भी और ज्यादा हो जाती है . मुंबई के मझगांव में जीएसटी भवन में लगी आग के दौरान जान पर खेलकर तिरंगे को बचाने वाले शक्स का नाम है कुर्णाल जाधव .जो जीएसटी कर्मचारी हैं .कुणाल जाधव जी के इस जांबाज पहल की मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे जी ने सुद ली .और उन्हें सम्मानित किया। उद्धव ने कुणाली को गेस्ट हाउस 'सह्याद्री' में बुलाया और मंत्रिमंडल की बैठक के बाद शॉल, श्रीफल और शिवाजी महाराज की तस्वीर देकर सम्मानित किया। तब जयंत पाटिल जी ,और मंत्री जितेंद्र आव्हाड जी भी मौजूद थे .वैसे इस मामले में मंत्री अशोक चव्हाण की ने पहल कर कृणाल जाधव जी के इस कर्म से मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया .
कन आग लगी तब कृणाल जाधव 9 फ्लोर चढ़कर बिल्डिंग की छत पर पहुंचे और आग लगने से पहले तिरंगे को बचाया ,
जीएसटी भवन के 8 वी मंजिल पर दोपहर करीब12.30 बजे भीषण आग लग गई थी। आग लगने की जानकारी जैसे ही कर्मचारियों को हुई सभी बाहर की ओर भागने लगे। आग लगने के बाद कुणाल जाधव दमकल कर्मियों के साथ पार्किंग में खड़ी गाड़ियों को निकलवा रहे थे । इसी दौरान नीचे से उन्होंने इमारत की छत पर तिरंगा लहराता हुआ देखा । इसके बाद वे अपनी जान की परवाह नहीं करते हुए पूरे 9 मंजिलों को पार करके छतपर गए और तिरंगे को नीचे उतारा । कृणाल जाधव जब तक ऊपर पहुंचे तब तक आग बढ़ने लगी। इसके बाद उन्होंने तिरंगे को अपने सीने में दबाया और नीचे की ओर भागे।
दमकल कर्मियों के मुताबिक, अगर थोड़ी और देर हो जाती तो जाधव छत पर फंस सकते थे और कोई अनहोनी हो सकती थी। जाधव जैसे ही नीचे उतरे जीएसटी कर्मचारियों ने तालियां बजाकर उनका स्वागत किया। यह मामला मंत्री अशोक चव्हाण तक पहुंचा। चव्हाण ने भी जाधव की बहादुरी को सलाम करते हुए उनकी कहानी अपने ट्विटर पेज पर पोस्ट की। इसके बाद जाधव की बहादुरी का यह बहादुरी सोशल मीडिया परवायरल हो गई .अब उन्हें बधाई देने वालो का तांता लग चुका है .
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