मध्यप्रदेश में अतिथि विद्वान आर्थिक तंगी से गुजर रहे  लगा रहे सरकार से गुहार

 


मध्यप्रदेश में अतिथि विद्वान आर्थिक तंगी से गुजर रहे
 लगा रहे सरकार से गुहार


 मध्यप्रदेश  कमलनाथ सरकार अपने दिए गए वचन पत्र पर नहीं उतर रही है खरी अतिथि विद्वान आत्महत्या करने पर मजबूर, अपनी मांगों को लेकर 3 माह से बैठे हैं धरने पर


 भोपाल राजधानी में शाहजहानी पार्क में तीन महा से अपनी मांगों को लेकर कड़कती सर्दी में खुले में बैठे हुए अतिथि विद्वान ऐसा महसूस होता है कि उनको गर्मी अभी इसी पंडाल में बिताना होगा आखिर कमलनाथ सरकार का दिल क्यों नहीं पसीज रहा सरकार बनने से पूर्व उन्होंने अपने वचन पत्र पर जो अतिथि विद्वानों से वादा किया था आखिर  सरकार उनको पूरा क्यों नहीं कर रही आज अतिथि विद्वान अपने दुखड़े गाते हुए बता रहा है कि आर्थिक तंगी के चलते वह परेशान है जिसकी वजह से एक आर्थिक तंगी के चलते अतिथि विद्वान ने आत्महत्या भी कर ली जिसकी विधवा पत्नी मीडिया के सामने अपने दुखड़े रो रही है वही सरकार की बात कहे  तो उनका कहना है कि कि अभी सरकार को मात्र डेढ साल ही हुआ हैं अभी सड़े तीन  साल बाकी है और वचन पत्र में दिए गए वचन सभी पूर्ण किए जाएंगे मगर ऐसे में सवाल यह उठता है कि लोगों के जो चूल्हे ठंडे पड़े हुए हैं आखिर उनको जलाएगा को वही इसी बात को लेकर ज्योतिवराव सिंधिया ने ट्विटर पर एक बड़ा बयान दिया है की अगर सरकार  मांगे पूरी नहीं करती तो मैं सरकार के खिलाफ उनके साथ खड़ा होग जीस पर दो टूक कमल नाथ का बयान आया कि जिसे जहां खड़ा होना हो वह खड़े होए , जिससे मध्यप्रदेश में कांग्रेस की राजनीति गरमाई हुई है वही बातों को संभालते हुए दिग्विजय सिंह का कहना है कि इसी में कोई बात नहीं है हम सब एक हैं



रिपोर्टर पिंकेश साहू भोपाल