लोकार्पण, शिलान्यास और भूमिपूजन किया

 


*मुख्यमंत्री ने डही में दी 121804 लाख रूपए लागत के विकास कार्यों की सौगातें*


*मुख्यमंत्री ने कुक्षी को जिला बनाने की नही की घोषणा, कहा मैं घोषणा नहीं करता हूँ*


*उद्धवहन सिंचाई योजना आदिवासी नायक टंट्या भील के नाम पर होगी*


*कार्यक्रम में मंत्री उमंग सिंघार, विधायक दत्तीगांव की अनुपस्थिति रही जनचर्चा का विषय*


*कार्यक्रम के दौरान रही भारी अव्यवस्था वीआईपी होते रहे परेशान*


धार। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने धार जिले के डही में 121804.53 लाख रूपए लागत के 40 विकास कार्यो का भूमिपूजन और शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने डही उद्धवहन सिंचाई योजना का भूमिपूजन भी किया। उन्होंने कहा कि डही में बनने वाली यह उद्धवहन सिंचाई योजना आदिवासी नायक टंट्या भील के नाम पर टंट्या मामा उद्वहन सिंचाई परियोजना के नाम से जानी जायेगी।
            इस अवसर पर आयोजित समारोह को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि आदिवासी समाज की मानवता, सभ्यता, संस्कृति पर हमें गर्व है। इस संस्कृति को अपनाने की अपील की। आज इतनी बड़ी संख्या में आदिवासी जन यहाँ आए हैं यह देखकर मुझे बहुत खुशी हो रही है। मेरा खून बढ़ गया है। अब हम सब मिलकर विकास का एक नया अध्याय लिखेंगे। कमलनाथ ने कहा कि आदिवासी समाज सहज, सरल और मेहनतकश हैं। 14 माह पहले हमारी सरकार बनी है। भाजपा ने हमें कैसा प्रदेश सौपा हैं। हमारा प्रदेश किसानो की आत्महत्या में नंबर वन, बेटियो के साथ बलात्कार की घटनाओं में नंबर वन, माताओ, बहनों पर अत्याचार में नंबर वन था और खजाना पूरा खाली सौपा था। इन विगत 15 वर्षों में उन्हें हमारे किसान भाइयों को छला गया है। हमारी सरकार प्रदेश में 15 वर्षों के बाद में बनी है। इन वर्षों में मध्यप्रदेश के किसानों और आम आदमी की दुर्गति हुई। बिगड़ी हुई अर्थव्यवस्था को सँवारने के लिए सरकार कृत संकल्पित हैं। हम ऐसी नीति बना रहे हैं जिससे किसानों की दशा सुधरे। हम किसानों को आर्थिक रूप से स्वावलम्बी बनाने के लिए प्रयास कर रहे हैं। हमारे प्रदेश की 70 प्रतिशत आबादी कृषि पर आधारित है। किसानो को हम उनकी फसल का सही मूल्य दिलाएंगे। हमने 22 लाख किसानों का कर्ज़ा माफ़ कर उनकी दशा सुधारने का प्रयास कर रहे हैं। कृषि के क्षेत्र में हम नए नियम बनाकर नई नीति लागू करेंगे। उन्होंने कहा कि आज सबसे बड़ी चुनौती नवजवानों के भविष्य की है। आज का नवजवान ज्ञानवान है। उनके पास इंटरनेट की सुलभता है। यही नवजवान देश का भविष्य बनायेगा। इसलिए इनका भविष्य बनाना हमारे लिए बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा कि हमें नवजवानों की पीड़ा को पहचानना होगा। उनके हाथों को काम देना होगा। पिछले 15 वर्षों में मध्यप्रदेश में जितने नए उद्योग लगे, उससे ज़्यादा बंद हो गए थे। अब प्रदेश में कैसे रोज़गार बढ़े, यह हमारे लिए एक बड़ा प्रश्न है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे एक लंबे समय से कुक्षी क्षेत्र में आना चाहते थे परंतु उनकी इच्छा थी कि वे ख़ाली हाथ नहीं आएँ। आज एक हज़ार करोड़ रुपये के इस सिंचाई योजना की सौग़ात लेकर वे आए हैं। उन्होंने कहा कि यह राशि क्षेत्र में एक निवेश की तरह है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भले ही पानी बाद में आए, लेकिन इसके पूर्व ही क्षेत्र में रोज़गार के अवसर आ जाएंगे। इस सिचाई योजना से बेरोजगारो को रोजगार मिलेगा। यह तो सिर्फ ट्रेलर हैं, पिक्चर अभी बाकी है। कृषि के क्षेत्र में व बेरोजगार को रोजगार देने में हम एक नया इतिहास बनायेगे। मैं आपको निराश नहीं होने दूँगा। भाजपा के शिवराज सिंह चौहान ने पिछले 15 सालों में 12 से 14 हजार घोषणा की है वे सिर्फ घोषणा वीर रहे और आदिवासियों को छला गया, सपने दिखाए गए। मोदी जी पाकिस्तान की बात करते हैं और जनता को भ्रमित व गुमराह करते रहते हैं। युवकों के विकास की बात नहीं करते हैं। वे सिर्फ ध्यान भंग करते हैं। पहले घोषणा करने की आदत हो गई थी और अब आलोचना करने की आदत हो गई हैं। स्थानीय नेताओं को मुख्यमंत्री ने किया निराश। नर्मदा घाटी मंत्री सुरेन्द्र बघेल को अपेक्षा थी कि ऐसी सिंचाई परियोजना कुक्षी को देने के लिए मुख्यमंत्री घोषणा करेंगे व कुक्षी को जिला बनाने की घोषणा पर कुक्षी की जनता को मुख्यमंत्री ने किया निराश औऱ घोषणा करने से मना कर दिया।
         कार्यक्रम को संबोधित करते हुए धार ज़िले की प्रभारी एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. विजय लक्ष्मी साधौ ने कहा कि भाजपा ने 15 साल राज्य किया औऱ घोषणावीर मुख्यमंत्री ने खजाना खाली करके हमे दिया है। अंग्रेजों ने भी देश छोडा था तो खजाना खाली कर दिया था। मोदी जी जो हमारे नाना हैं उन्होंने पहले बजट में 27 हजार करोड़ की कटौती कर दी औऱ दूसरे बजट में 20 प्रतिशत की कटौती कर दी। प्राकृतिक आपदा के कारण हमारे किसान भाइयों का आर्थिक नुकसान हुआ था। हमारी सरकार ने 16 हजार करोड़ की मांग की थी और हमे सिर्फ एक हजार करोड़ दिया गया। हमारी सरकार ने 59,416 किसानों का कर्जा माफ कर 224 करोड़ का कर्जा माफ किया है। 18,976 किसानों का कर्जा दूसरी किश्त के रूप में करेगे।और विपरीत परिस्थितियों में हमारे मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अच्छा कार्य किया औऱ मुआवजा वितरण किया गया। हम सब का सौभाग्य है कि कमलनाथ मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री बने हैं। वे प्रदेश के विकास के लिए सदैव तत्पर और संकल्पित रहते हैं। क्षेत्रीय विधायक एवं नर्मदा घाटी विकास मंत्री सुरेन्द्र सिंह बघेल ने अपने संबोधन में कहा कि भाजपा ने व‍िगत 15 वर्षों में डही क्षेत्र के विकास के लिए कुछ नहीं किया गया। भाजपा ने डही की जनता की समस्याओं को नहीं सुना। डही की जनता  जलसंकट, बिजली, खाद, सिचाई के लिए पानी को तरसती रही औऱ हमारे मुख्यमंत्री कमलनाथ ने नर्मदा का पानी डही की जनता के घर-घर तक पहुचाने की व्यवस्था की है। मुख्यमंत्री कमलनाथ के कारण क्षेत्र को इतनी बड़ी सौग़ातें मिली हैं। जब वे नर्मदा घाटी विकास मंत्री बने थे तब मुख्यमंत्रीजी ने साफ़ कहा था कि नर्मदा मैया का जल पहले आदिवासी अंचल में पहुँचना चाहिए। बघेल ने कहा कि मुख्यमंत्री कमलनाथ का आदिवासी समाज के प्रति विशेष लगाव और स्नेह है। वे मेरे पिता तुल्य हैं और उनका सदैव आशीर्वाद मुझे मिलता रहा है। आरंभ में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मां नर्मदा के छायाचित्र के समक्ष द्वीप प्रज्ज्वलित कर पूजन अर्चन किया। मुख्यमंत्री आम जनता का अभिवादन स्वीकार कर मंच से उतरकर उनसे मिलने भी गए।
कार्यक्रम में विधायक पाँचीलाल मेड़ा, प्रताप ग्रेवाल, जिलाध्यक्ष कांग्रेस बालमुकुंद गौतम, महेश पटेल, मुकेश पटेल सुश्री कलावती भूरिया, हीरालाल अलावा सहित अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।


*मंत्री उमंग सिंघार, विधायक दत्तीगांव की अनुपस्थिति रही चर्चा का विषय*


धार जिले के बदनावर के विधायक राजवर्धन सिंह दत्तीगांव व गंधवानी के विधायक तथा प्रदेश के कैबिनेट मंत्री उमंग सिंघार  कार्यक्रम के दौरान नजर नहीं आये जो जनचर्चा का विषय रहा। इससे पता चलता है कि धार जिले में गुटबाजी अपने चरम पर है। प्रदेश में इस समय सिंधिया व कमलनाथ के बीच राजनीतिक बयानबाजी जोरो पर चल रही हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरने की चेतावनी दी है और कमलनाथ ने चुनोती को स्वीकार कर लिया है। जिले में सिंधिया समर्थकों की अनुपस्थिति को गुटबाजी के रूप में ही देखा जा रहा है।


*कार्यक्रम के दौरान रही भारी अव्यस्था*
डही में मुख्यमंत्री का आगमन 3-45 बजे मंच पर हुआ। कार्यक्रम के दौरान पांडाल में भारी अव्यवस्था फैल गई। मुख्य गेट से वीआईपी अंदर नही आ सके। मुख्य गेट तक बेरिकेट्स नहीं लगने के कारण आम जनता ने रास्ता जाम कर दिया और कुर्सियां पर खड़े हो गए। जिससे वीआईपी मंच तक नहीं पहुँच सके और भीड़ का हिस्सा बन गए और पांडाल में बैठी जनता भी परेशान होकर खड़ी हो गई। व्यवस्था के लिए लगाए गए कर्मचारी चुपचाप देखते रहे। पुलिस के कर्मचारियों के सामने ही आम लोगो मे विवाद होता रहा। पुलिसकर्मी मूकदर्शक बनकर देखते रहे। प्रशासनिक व्यवस्था की खामियां उजागर हुई। पूर्व में भी कार्यक्रम हुए पहले ऐसी अव्यस्था देखने को नहीं मिली। 


 *लोकार्पण, शिलान्यास और भूमिपूजन*
मुख्यमंत्री कमल नाथ ने डही में आयोजित कार्यक्रम के दौरान 112782 लाख रूपए की लागत की डही माईक्रो उद्वहन सिंचाई योजना का भूमिपूजन किया। इसके अलावा शासकीय महाविद्यालय कुक्षी में 100 सीटर बालक छात्रावास एवं बाउण्ड्रीवाल लागत 513.69 लाख रूपए, बैंक शाखा निसरपुर लागत 35.29 लाख रूपए, आदिम जाति सेवा सहकारी समिति गिरवान्या, धूलसर, अम्बाडा, कुक्षी (कापसी) व चिखल्दा (लिंगवा) प्रत्येक कार्य की लागत 11.20 लाख रूपए, कलमी, बाबलीबुजुर्ग, बाबलीखुर्द, मालपुरा एवं पेडरवानी की नलजल योजना को गुणवत्ता प्रभावित समूह जोड़कर जल प्रदाय किए जाने हेतु लागत 450.57 लाख रूपए, कापसी में 100 सीटर उन्नयन कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावास लागत 74.48 लाख रूपए, कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावास कापसी में बाउण्ड्रीवाल लागत 6.25 लाख रूपए, कन्या माध्यमिक विद्यालय निसरपुर में अतिरिक्त कक्ष लागत 8.82 लाख रूपए, कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावास चंदावड में बाउण्ड्रीवाल लागत 11.10 लाख रूपए, नवीन प्राथमिक विद्यालय कुराडाखाल लागत 20.50 लाख रूपए, शासकीय संजय निकुंज नर्सरी स्थापना लोहारी लागत 50.00 लाख रूपए, एकलव्य आवासीय विद्यालय कुक्षी में आडिटोरियम भवन का निर्माण विद्युतीकरण सहित लागत 109.97 लाख रूपए तथा उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बड़दा लागत 173.25 लाख रूपये के निर्माण कार्यो का भूमिपूजन किया।
इसी तरह डही में नवीन आईटीआई छः ट्रेड भवन, 60-60 सीटेड बालक/बालिका छात्रावास एवं एक-एक टाईप आवासीय भवन लागत 995.24 लाख रूपए, डेहरी में नवीन गौशाला निर्माण लागत 32.52 लाख रूपए, पडियाल में नवीन गौशाला लागत 33.69 लाख रूपए, निसरपुर में नवीन गौशाला लागत 37.27 लाख रूपए, लक्ष्मी गौशाला कुक्षी लागत 0.52 लाख रूपए, श्री कनकबिहारी गौशाला निसरपुर लागत 0.70 लाख रूपए, कामधेनु गौशाला निम्बोला लागत 6.50 लाख रूपए, नवीन उप स्वास्थ्य केन्द्र खरगोन, नीमथल, टेमरिया, रणगांव व नरझरी प्रत्येक की लागत 24.00 लाख रूपए, डही में सीएम अधोसंरचना विकास लागत 206.93 लाख रूपए, डही में जल प्रदाय योजना अन्तर्गत 33 केवी विद्युत लाईन एवं सब स्टेशन स्थापना लागत 163.00 लाख रूपए, डही में स्ट्रीट लाईट विस्तार कार्य लागत 50.00 लाख रूपए, तलवाडी से घोडा मार्ग लागत 89.34 लाख रूपए, सुसारी से भरणपुरा मार्ग लागत 154.94 लाख रूपए, कापसी लोहारा मार्ग लागत 249.14 लाख रूपए, सुलीबयडी से पटेलपुरा कुवाड फाटे तक मार्ग लागत 546.71 लाख रूपए, मनावर डेहरी मार्ग का उन्नयन कार्य लागत 4363.40 लाख रूपए, एनएच-3 से खण्डवा पहुंच मार्ग लागत 55.49 लाख रूपए, लोणी से ढुकनी मार्ग लागत 218.80 लाख रूपए तथा घाना सिंधियापानी रोड से दभानी मार्ग लागत 188.42 लाख रूपए के कार्यो का लोकार्पण किया।
आरंभ में मुख्यमंत्री कमलनाथ में मां नर्मदा के छायाचित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलन कर माल्र्यार्पण किया। मुख्यमंत्री आम जनता का अभिवादन स्वीकार कर मंच से उतरकर उनसे मिलने भी गए।