उन्नाव जिले से पीयूष पांडेय
लाइसेंसी कत्लखानों वाले इलाके में अवैध गोकशी की सूचना से मचा हड़कंप
क्रासर— मौके से बरामद हुए तीन गोवंशों के अवशेष
क्रासर— पशु चिकित्सकों से पोस्टमार्टम कराने के बाद किए गए दफन
क्रासर— शहर कोतवाली के दही चौकी क्षेत्र का मामला
क्रासर— रात के अंधेरे में चल रही थी गोकशी, ग्रामीणों को आता देख भागे तस्कर
उन्नाव। तमाम वादों और दावों को धता बताते हुए जिले में चोरी छिपे गोकशी का काम बदस्तूर जारी है। इस बात का प्रमाण आए दिन उजागर होने वाली इससे संबंधित घटनाएं हैं। ताजा मामला शहर कोतवाली की दही चौकी क्षेत्र के तुर्कमान नगर का है। यहां बीती रात खेतों की निगरानी कर रहे ग्रामीणों को पास के बबूल के जंगलों में किसी होने की आंशका हुई। ग्रामीणों के उस ओर रूख करने पर वहां मौजूद लोग भाग खड़े हुए। ग्रामीणों ने जब वहां का दृश्य देखा तो उनके होश उड़ गए। घटना स्थल पर मवेशियों के अवशेष पड़े थे। ग्रामीणों से गोकशी की सूचना मिलते ही पुलिस मोहकमे में हड़कंप मच गया। सोमवार सुबह क्षेत्राधिकारी नगर यादवेंद्र यादव के साथ शहर कोतवाल दिनेश चंद्र मिश्र, दही चौकी प्रभारी प्रेमनाराण और अस्पताल चौकी प्रभारी रामजीत यादव समेत तमाम पुलिस बल मौके पर पहुंच गया। आनन फानन पशु चिकित्सक डॉ पुष्पराज के साथ पशु चिकित्सालय की टीम मौके पर पहुंची। सभी अवशेषों का पोस्टमार्टम कराने के बाद उन्हें वहीं जमीन में गड्ढा खुदवा कर दफन करा दिया गया। जिले में गोकशी और गोवंशों के अवशेष मिलने का यह कोई पहला मामला नहीं है। यहां आए दिन किसी न किसी थाना क्षेत्र में इस तरह की घटनाएं अक्सर होती रहती है। इसी तरह कार्रवाई का कोरम पूरा कर जिम्मेदार अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर लेते हैं। खास बात यह है कि जिले के सांसद प्रखर हिंदूवादी छवि वाले डॉ सच्चिदानंद साक्षी महाराज और तकरीबन हर विधानसभा में भाजपाई जन प्रतिनिधियों के होने के बाद जिले में गोवंशों के साथ अत्याचार की ये घटनाएं अब आम हो चली है।
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निगरानी बढ़ने पर जंगलों में होती पशु हत्या
उन्नाव। जिस स्थान पर गोकशी की यह घटना सामने आयी उसी इलाके के औद्योगिक क्षेत्र में कई मान्यता और लाइसेंस प्राप्त पशु कत्लखाने संचालित है। सूत्र बताते है कि इन कत्लखानों में भी रात के अंधेरे में गोवंशों को पहुंचाया जाता है। जब सख्ती और निगरानी ज्यादा बढ़जाती है पशु तस्कर आपूर्ति पूरी करने के लिए आस पास क्षेत्रों के जंगलों में इन मवेशियों को ठिकाने लगाने के बाद चोरी छिपे मांस इन फैक्ट्रियों तक पहुंचा देते हैं।
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दही चौकी क्षेत्र में लगभग रोज बदल जाते आवारा विचरण करने वाले पशु
उन्नाव। जिले का दही चौकी क्षेत्र राष्ट्रीय राजमार्ग से स्थित इलाका है। प्रति दिन उन्नाव कानपुर से लखनऊ का सफर करने पशु प्रेमियों की माने तो इस इलाके में आवारा विचरण करने वाले गोवंशी हर रोज बदल जाते है। जानकारों का कहना है कि पशु तस्कर पहले तो गोवंशों को लाकर दही चौकी के आस पास छोड़ देते हैं। रात के अंधेरे में ये गोवंशी बड़ी ही सफाई से हांक कर इन कत्लखानों के सुपुर्द कर दिए जाते है। इस मामले में कितनी सच्चाई है यह तो जांच का विषय है फिलहाल आम चर्चाओं को भी अनदेखा नहीं किया जा सकता।
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डॉक्टरों के मुताबिक तीनों अवशेष गोवंशों के
उन्नाव। दही चौकी क्षेत्र में मिले गोवंशों के अवशेषो की सूचना पर पहुंची पशु चिकित्सा विभाग की डिप्टी सीवीओ डॉ जगरूप, डॉ पंकज पांडेय और डॉ पुष्पराज सिंह मौजूद रहे। डॉ पुष्पराज सिंह से हुई बात चीत में उन्होंने बताया कि मौके पर तीन गोवंशों के अवशेष मिले थे। जिन का पोस्टमार्टम करने के बाद उनका उन्हें दफन करा दिया गया।