*दो दर्जन मौतों पर भी प्रदेश में हो रही है राजनीति...*
*इधर हम सीटबेल्ट,हैलमेट पर अटके हैं*
एक दो नहीं पूरी 24 जानें चली गई।विधानसभा में इस पर गंदी राजनीति हो रही है।
प्रदेश के राजमार्ग नरभक्षी बन चुके हैं।आज एन एच 8 पर उदयपुर जिले में कार के टैंकर में घुसने से तीन मरे।जिले में एक और घटना दो लड़कियों सहित चार लोगों की मौत की वजह बन गई। रात को जहाजपुर काछोला मार्ग पर पिकअप-कार भिड़ंत में दो मरे,छः घायल हो गए।
प्रदेश में सड़क हादसों के ये सिलसिले लगातार जारी हैं। सरकार लाख दो लाख का मुआवजा बांट पिंड छुड़ाने में लगी है।सड़क हादसों के पीछे परिवहन विभाग की लापरवाही,भ्रष्टाचार एवं मिलीभगत हर जगह सामने आ रही है।
मेज नदी में बस गिरने की ये पहली घटना नहीं है।यूं थोक में हुई मौतों के पुराने रिकॉर्ड भी हैं परंतु उनसे सबक लेने और हादसे रोकने के बजाय सरकारें एक दूजे पर आरोप लगा कर दामन बचा रही हैं।
कुछ दिन पहले राजधानी में एसीबी की टीमों ने परिवहन विभाग के लुटेरों को दबोचा लेकिन इसके बाद भी टार्गेट की आड़ में सड़कों पर खुले आम लूटखसौट चल रही है।
प्रदेश में वाहनों की फिटनेस निजी हाथों में जाने के बाद हादसों में बढोतरी के चर्चे हैं मेज नदी हादसे की शिकार बस का फिटनेस दुर्घटना के बाद किसने बनाया?बूंदी के आदिनाथ फिटनेस सेंटर का अनुबंध सितंबर 19 मेंखत्म हो जाने की चर्चा है।डीटीओ और आरटीओ पर मामले में सदन को गुमराह किए जाने की बातें हो रही है।
कमोबेश यही हाल प्रदेश में रामभरोसे चल रहे भारी वाहनों के ड्राइविंग स्कूलों के हैं।जहां प्रशिक्षण के नाम की खानापूर्ति से अंगूठाछाप प्रमाणपत्र लेकर भारी वाहन चालक का लाईसेंस हासिल कर राजमार्ग पर ट्रक दौड़ा रहे है।ये उस्ताद सड़कों पर खतरों के खिलाड़ी नहीं होंगे तो क्या होंगे?
भीलवाड़ा जिले के एकमात्र फिटनेस सेंटर और चार हैवी लाईसेंस प्रशिक्षण केन्द्रों की जमीनी हकीकत छिपाने के लिए परिवहन विभाग द्वारा सीटबेल्ट, हैलमेट की फिल्म बार बार चलाई जाती है।यह जानकारी नहीं दी जाती कि प्रशिक्षण केन्द्रों पर कौन से ट्रक प्रशिक्षण कार्य के लिए विभाग ने पंजीकृत किए हैं? ये ट्रक प्रशिक्षण हेतु रोजाना कितने किलोमीटर चलते हैं?
*--अशोक जैन,स्वतंत्र पत्रकार