दिल्ली हिंसा: एक्शन में अजीत डोभाल, मौजपुर की गलियों में लोगों से मिले, कहा इंशाल्लाह यहां अमन होगा।

 


*अजय सोलंकी, नई दिल्ली।*


नई दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बिगड़ी स्थिति को संभालने की जिम्मेदारी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल को दी गई है डोभाल ने भी मोर्चा संभाल लिया है। आज पहले वे नॉर्थ ईस्ट दिल्ली के डीसीपी के दफ्तर पहुंचे और यहां वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। इसके बाद अजीत डोभाल मौजपुर की गलियों में गए और कई लोगों से बातचीत की।


डोभाल लोगों को समझाते हुए नजर आए। उन्होंने एक महिला से कहा कि हम सब भारतीय हैं। इस मुल्क में सभी को मिलकर रहना है। उन्होंने कहा प्रेम की भावना बना कर रखिए। हमारा एक देश है, हम सब को मिलकर रहना है, देश को मिलकर आगे बढ़ाना है।


डोभाल ने मीडिया से कहा कि लोगों के बीच कोई दुश्मनी नहीं है ।इंशाल्लाह यहां अमन होगा ।किसी को डरने की जरूरत नहीं है। कुछ लोगों की वजह से हिंसा हुई है। हम शांति चाहते हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस मुस्तैदी से काम कर रही है ।लोगों ने अजीत डोभाल से पूछा कि गृहमंत्री कहां है। इस सवाल पर अजीत डोभाल ने कहा कि मैं उन्हीं के आदेश पर आया हूं।


बता दें कि रविवार को मौजपुर में ही हिंसा शुरू हुई थी ।मौजपुर जाफराबाद से सटा हुआ है। नॉर्थ ईस्ट दिल्ली में रविवार को हिंसा शुरू हुई थी ।और मंगलवार तक रुक-रुक कर जारी रही। अब तक हिंसा में 23 लोगों की मौत हो चुकी है।


इससे पहले डोभाल ने दिल्ली पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक और नवनियुक्त विशेष आयुक्त एसएन श्रीवास्तव और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ देर रात में हिंसा प्रभावित जाफराबाद और सीलमपुर समेत अन्य इलाकों का दौरा किया था। वहां पर उन्होंने पुलिस अधिकारियों से मुलाकात की। और जरूरी निर्देश भी दिए। इसके अलावा माहौल शांत करने के लिए अलग-अलग समुदायों के नेताओं से भेंट की।


दिल्ली पुलिस गृह मंत्रालय को रिपोर्ट करती है ।ऐसे में विपक्षी पार्टियां गृह मंत्री अमित शाह को जिम्मेदार ठहरा रही हैं।कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आज गृह मंत्री अमित शाह से 5 सवाल पूछे और उनका इस्तीफा मांगा।हिंसा प्रभावित इलाकों में जमीनी हालात का मुआयना करने के बाद डोभाल ने बुधवार सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली सुरक्षा पर मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीएस) को सांप्रदायिक दंगे के शिकार हुए इलाकों की स्थिति के बारे में अवगत कराया। उन्होंने सीसीएस को हिंसा को शांत करने और जल्द से जल्द हालात सामान्य बनाने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में बताया।


प्रधानमंत्री के अलावा सीसीएस में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृहमंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और विदेश मंत्री एस जयशंकर हैं। खुफिया ब्यूरो के पूर्व प्रमुख डोभाल (७५) मुश्किल हालात से निपटने के लिए जाने जाते हैं।उन्हें प्रधानमंत्री मोदी का विश्वस्त भी माना जाता है। पिछले साल अगस्त में अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को खत्म किए जाने के बाद डोभाल ने एक पखवाड़े से ज्यादा समय तक जम्मू कश्मीर में रहकर हालात की निगरानी की थी।