रिपोर्ट: के .रवि ( दादा ) ,
अब की इस इक्कीसवीं सदी के युवा पीढी के पास भिविष्य। घड़ाने की क्षमता है .सिर्फ हमें उनकी ताकद एहसियत को परखना चहिए .पर अभी के युवाओं के बारे मेे गलतफहमी फैले हुए है .पर हमें गलतफहमी ना रखते हुए उनपर विश्वास रखना चाहिए . उनका उत्स्थाह बढ़ाना चाहिए . ऐसे विचार मुंबई मेे राष्ट्रवादी कांग्रेस पक्ष के अध्यक्ष शरद पवार जिन युवा सवांद मेे बोलते हुए रखे .
सवांद साहब से - सजग युवाओं से नए स्वराज्य के प्रेरणा के लिए रखे गए कार्यक्रम में वे बोल रहे थे .यह कार्यक्रम राष्ट्रवादी मुंबई विद्यार्थी कांग्रेस की और से वडाला मेे सफल हुआ . सचेत पढाई कर इसमें से युवाओं ने बाहर गिरना चाहिए . जिसमेसे गुणवत्तापरक
बदलाव नहीं होते .उस कारण
अभ्यसक्रम मेे बदलाव होने चाहिए . पुकार को मुंह तोड़ जवाब देने वाले अभ्यासक्रम तैयार होवे ऐसे बोलते हुए ही अभ्यासक्रम तैयार करनेवालों मेे नए पुराने का समन्वय रहे ऐसा भी शरद पवार जिन फ़रमाया . लोकतंत्र मेे सभी को बोलने का , चुनकर आने का अधिकार हैं . साथ ही प्रतिमूर्ति भी चुनने का अधिकार है .पर गलत प्रतिनिधि अब आते नजर आ रहे हैं .जो इन दिनों बड़े पैमाने पर हो रहा हैै .यदि इसपर काबू पाना हो तो अवाम ने जाग्रत रहकर ऐसे गलत शक्श को कंकर के जैसा बाजू कर देना चाहिए ऐसा भी इस मौके पार शरद पवार साहब जिन कहां . मौजूदा कार्यकर्ताओं के महाविद्याल के सवाल पर बोलते हुए शरद पवार साहब ने कहा लोकतंत्र के अनुसार महाविद्यालय का प्रतिनिधि चुना जाना चाहिए . जिसके लिए विद्यार्थियों में से प्रतिनिधि चुनाव लेने चाहिए . जिसके लिए स्वयं शरद पवार जी मौजूदा सरकार से पीछा करने वाले है करके भी कहां .साथ ही कानूनी पढाई के विद्यार्थी ने पूछे हुए सवाल का जवाब देते हुए शरद पवार जी ने कहां के कानून की पढ़ाई में अक्सर बदलाव
होने चाहिए .यदि बदलाव ना हुए तो आप अप्रचलित होंगे .