श्रीकृष्ण का माया जाल!


ग्वालियर- मध्यप्रदेश इंडस्ट्रीयल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (Akvn) में औद्योगिक अधोसंरचना विकास के नाम पर किए जा रहे भ्रष्टाचार की परतें अब धीरे - धीरे खुलने लगी हैं।  विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यहां लंबे समय से अपनी जड़ें जमाए बैठे भार्गव साहब  की धाक का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि विभाग में कोई भी एम.डी. या ई.डी. आया वह साहब के ही रंग में रंग गया। सूत्र बताते हैं कि।            इस तरह श्री कृष्ण भार्गवने मनमाने तरीके से अनेेतिक लाभ लेकर अनेक संपत्तियां अर्जित कर ली हैं जिसकी निश्पक्ष जांच होनी चाहिए। खबरियों की मानें तो श्री भार्गव ने सन 1982/83 सहायक यंत्री के पद पर आने के बाद ही  पैसा बनाने का सिलसिला चालू कर दिया था, सहायक यंत्री पद पर पदस्थ होने के बाद लगभग 2 साल होने पर ही उन्होंने जानेमाने पॉश  इलाके में जमीन खरीद कर मल्टी बनाकर बिक्रय कर दिया जिसकी कोई भी खबर विभाग में आज तक नही है और ना ही  क्रय- विक्रय कोई परमीशन ली गई। श्री भार्गव विभाग में अपनी सेवा देने के साथ साथ कई जाने माने प्रोपर्टी डीलरों के साथ मिलकर लश्कर ग्वालियर में निर्माण कार्य में अपना योगदान दिया है। जब कोई पत्रकार या आरटीआई कार्यकर्ता इनके कारनामो को उजागर करने के लिए आगे कदम बढ़ाता है तो श्रीमान अपने चहेते ठेकेदारों से मिलकर उस पत्रकार को पीछे हटने के लिए मजबूर करते है, जिसकी हकीकत बहुत जल्द सामने आएगी।