पूर्व मंत्री ग्रामीण पंचायत विकास विभाग द्वारा दिए गए आदेश पर आज दिनांक तक कोई कार्यवाही नहीं
डबरा----तहसील मुख्यालय के अंतर्गत आने वाले ग्राम सर्वा में आवासीय घोषित शासकीय भूमि पर दबंगों ने कब्जा किया है जिसके लिए ग्राम पंचायत के प्रतिनिधियों द्वारा कई वर्षों से आवासीय भूमि को मुक्त कराने के लिए प्रयास किया गया लेकिन आज दिनांक तक आवासीय घोषित शासकीय भूमि अतिक्रमण मुक्त नहीं हुई जिसके लिए ग्राम पंचायत के प्रतिनिधि विधानसभा मंत्रालय तक भी पहुंचे तभी तत्काल प्रभाव से पूर्व मंत्री ग्रामीण पंचायत विकास विश्वाश सारंग द्वारा अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व)अनुभाग डबरा को पत्र लिखते हुए आवासीय भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए कार्रवाई करने को अवगत कराते हुए आदेश दिया लेकिन आज दिनांक तक उस आदेश की धज्जियां उड़ती हुई नजर आ रहीं हैं तथा उस आदेश पर कोई भी कार्यवाही नजर नहीं आई इससे स्पष्ट होता है राजस्व विभाग के अधिकारी कर्मचारियों की मिलीभगत से अतिक्रमणकारीयों के होंसले बुलंद हैं इसलिए आज दिनांक तक आवासीय घोषित शासकीय भूमि अतिक्रमण मुक्त नहीं हुई
है जब कि वर्तमान मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार द्वारा माफियाओं के खिलाफ कार्यवाही चल रही है लेकिन यहां यह कार्यवाही कोसों दूर तक नजर नहीं आई जहां पर अतिक्रमणकारियों के हौसले इतने बुलंद बने हुए हैं आराम से अपनी खेती कर मौज मस्ती कर रहे हैं भू माफियाओं से कोई बात करता है तो झगड़े पर उतारू हो जाते हैं इस आवासीय घोषित शासकीय भूमि पर अतिक्रमण करने वाले कोई और नहीं ग्राम सर्वा व आसपास के साथ (चौकीदार)कोटवार भी सम्मिलित हैं उनके नाम निम्न प्रकार हैं कोटवार भगवान सिंह परिहार, सुन्दर कुशवाह,प्रताप कुशवाह, मेहताब गुर्जर, श्री लाल, पोखीराम कुशवाह, भरत कुशवाह, आदि ये दबंग अपनी दबंगता के कारण ग्राम में आवासीय घोषित शासकीय भूमि सर्वे क्रमांक 603,605,558,599, का रकबा 42 बीघा पर अतिक्रमण किए हुए है आश्चर्यजनक बात है कि प्रशासन के बरिष्ठ अधिकारियों कर्मचारियों के संज्ञान में मामला होने पर भी आज दिनांक तक आवासीय घोषित शासकीय भूमि पर कोई कार्यवाही न करते हुए अतिक्रमण मुक्त नहीं कराई गई है इससे स्पष्ट होता है कि अतिक्रमण करने वाले भी ऊंची पहुंच वाले रसूखदार, शासन प्रशासन से मिली भगत वाले होंगे इसलिए शासन प्रशासन की कार्यवाही करने की हिम्मत नहीं हो रही है इतने लंबे समय से अतिक्रमण करने वालों पर कार्रवाई का न होना शासन प्रशासन की कार्यप्रणाली पर प्रश्चिन्ह लगता नजर आ रहा है अब देखना यह है कि शासन प्रशासन की कार्यवाही अतिक्रमण कारियों पर कब तक की जाएगी या मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा।
इनका कहना है कि,