*अवैध रेत परिवहन का कारोबार पकड़ा जोर*
स्कूली बच्चो का आना-जाना हुआ दूभर ,बेरोक-टोक सुबह से शाम तक हो रहा परिवहन
*कौन करेगा कार्यवाही..? किससे करे शिकायत..?*
अमरनाथ भारद्वाज...✍🏿*
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मुरैना जिले में अवैध रेत उत्खनन और परिवहन का कारोबार बड़े जोरो पर है। सत्ता में बैठे लोगों एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाने में व्यस्त है। पर पर्दे के पीछे के हकीकत पर *चोर-चोर मौसेरे भाई* वाली कहावत सटीक बैठती है। बेखौफ रेत का कारोबार चल रहा है,कोई रोकने-टोकने वाला नही है। आखिर रोके भी तो कौन..? सुगंधित गुलाबी कागजो पर गांधी जी के मुस्कुराते चेहरे का अपनाम करना किसी हैसियत में है..? बहरहाल हमे तो नही लगता कि रेत का अवैध उत्खनन और परिवहन रुकने वाला है। लेकिन एक बात आम लोगो की समझ मे ये नही आ रही कि शिकायत किससे करें... कार्यवाही कौन करेगा..?
*जारी है अवैध रेत खनन और परिवहन का कारोबार*
मुरैना जिले में अवैध रेत खनन और परिवहन का कारोबार निरंतर चल रहा है। किसी की क्या मजाल कोई रास्ते मे रुकवा दे यदि किसी ने हिम्मत भी जुटाई तो ड्राइवर पहले से ही फ़ोन लगाकर खिड़की से मोबाइल थमा देते है। अब फ़ोन से बात होने के बाद कौन *आ बैल मुझे मार... का न्यौता दे* अपनी नौकरी प्यारी समझ कर आंख मुद लेते है। लेकिन एक बात समझ मे नही आती ऐसा कब तक चलता रहेगा...?
*किससे करे शिकायत...कौन करेगा कार्यवाही..?*
जिले में स्कूली बच्चो के आना-जाना दूभर हो गया है। सुबह से शाम तो भारी वाहनों के लिए नो एंट्री बनी है लेकिन ट्रेक्टरों के लिए केवल महीने की एंट्री बनी है,ऐसे में बेलगाम ट्रैक्टर न जाने कब-किसे मौत की नींद सुला दे यह कहा नही जा सकता। ऐसे में भले ही आम लोग अपनी जुबान पर खामोशी का ताला लगाए बैठे हो लेकिन अंदर ही अंदर इस व्यवस्था से दुखी और आक्रोषित है। लेकिन वर्षो से सिस्टम को देखते आ रहे लोगो को यह समझ में नही आ रही है। उक्त ट्रैक्टरों की आतंक की शिकायत कहा करें... ? और कार्यवाही कौन करेगा..?
शेष अगले अंक में---
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