प्रशासन ओर रेत ठेकेदार के साठ गाँठ से चल रहा है कन्हान नदी में रेत का अवैध उत्खनन : प्रशांत महाले   भाजपा नेता सौंसर विधानसभा


प्रशासन ओर रेत ठेकेदार के साठ गाँठ से चल रहा है कन्हान नदी में रेत का अवैध उत्खनन : प्रशांत महाले   भाजपा नेता सौंसर विधानसभ 


छिंदवाड़ा। सौंसर क्षेत्र की रेत 
खदान पर भी हो कार्यवाही पुरे घाटो पर अवैध रूपसे बिना रॉयल्टी से चल रही है गाड़िया , रेत घाटो पर नदी मे पोखलेंड से रेत निकाली जा रही है जब कि मा. मुख्यमंत्री के प्रशाशन को कड़े निर्देश है कि रेत घाट मे पोखलेण्ड से रेती का उत्खनन न किया जाए अतः नदी के रेत घाटपर पोखलेण्ड अगर रेत निकालते हुए पाया जाता है प्रशाशन तुरंत राजसात करे परंतु पोखलेण्ड द्वारा नदी में से उत्खनन किया जा रहा है और प्रशाशन खामोश है जब कि रेत माफियाओं पर नकेल कसने में नाकाम साबित हो रहा विभागीय अमला एक तरफ प्रदेश के मुख्यमंत्री  व खनिज मंत्री के निर्देश प्रदेश को अवैध उत्खनन कारोबार से मुक्त करने के लिये गम्भीर नजर आ रहे है वही संतरांचल की  रेत खदानों पर खनिज विभाग ओर जिला प्रशासन के संरक्षण के चलते बारादेवी निमनी कजलवानी  जिरोला सायरा  रेत खदान पर  हो रहा उत्खनन ओर नदी गड्डो में तब्दील हो चुकी है अगर प्रशासन को कोई कार्यवाही करना है तो गड्डो की जांच कर कार्यवाही कर सकते  है 


सिस्टम में बेठे चंद रिश्वतखोर लोगों की वजह से यह उपाय धरातल में कारगर सबित नहीं हो पा रहे जब तब रेत के काले करोबार को बतया जाता था किन्तु प्रदेश में सत्ता किसी की भी रहे पर  रेत माफियाओं के हौसले बुलंद नजर आ रहे है ओर वह धड़ल्ले से रेत का काला करोबार को अंजाम दे रहे है जिससे प्रतीत होता है की प्रदेश में सरकार किसी की भी आ जाये राज माफियाओं का ही चलेगा !
मामला छिड़वाड़ा जिले की सौंसर तहसील का है जहां पर इन दिनों रेत का काला कारोबार चरम पर है !  खनिज विभाग के अधिकारियों से सांठगांठ कर बेखौफ होकर धड़ल्ले से रेत का काला कारोबार किए जा रहे है जिससे क्षेत्र के आम व्यक्ति को सस्ती रेत तो उपलब्ध नहीं हो पा रही बल्कि व्यापक मात्रा में हो रहे रेत उत्खनन जिसमें जबकि दिन के समय  में भी मसीन से नदी से रेत निकालते हैं, ओर  माफियाओं द्वारा रात के अंधेरे में भी मशीनो से रेत का अवैध उत्खनन किया जाता है जो कि नियम विरुद्ध एवं पर्यावरण के लिए अत्यधिक हानिकारक है ! आपको बता दें कि रेत माफियाओं द्वारा रेत अधिक मात्रा में बेची जा रही है एवं रायल्टी कम मात्रा में कटी जा रही है जिससे शासन को राजस्व का चुना लग रहा किंतु इस सब से बेखबर विभागीय आमला गहरी नींद में सो रहा है या यूं कहें जिम्मेदारों के संरक्षण में ही रेत का काला कारोबार धड़ल्ले से किया जा रहा है तो कोई अतिशयोक्ति नही होना चाहिए । यही नही रेत माफिया के हौसले इतने बुलंद हो गए हैं कि उन्हें जरा भी नियम कानून का डर नहीं और वह नियम विरुद्ध कार्यों को अंजाम देने में लगे हुए है जिससे प्रतीत होता है की अब इन्हें रोक पाना जिला प्रशासन के बस में नहीं रहा क्षेत्रवासियों के सामने घातक परिणाम सामने आएंगे ।साथ ही क्षेत्र की जनता के मन में यह सवाल उठ रहा है कि एक किंतु व्यापक स्तर पर जिले में हो रहे अवैध उत्खनन पर रोक क्यों नहीं लगाई जा रही इससे यह प्रतीत होता है कि हर कोई रेत के इस काले कारोबार में सम्मिलित होकर मालसुतो अभियान का हिस्सा बनना चाहते हैं शायद यही वजह है कि जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा रेत माफियाओं पर कार्यवाही करने की वजाय और उन्हें संरक्षण दिया जा रहा है?
अकसर यह भी देखा गया है जब कोई खबर खनिज माफियाओं के खिलाफ अखबार में प्रकशित होती है या क्षेत्र वाशियों द्वारा शिकायत की जाती है तो जिम्मेदारों द्वारा कार्यवाही के नाम पर कुछ चलानी कार्यवाही की खानापूर्ति कर दी जाती है लेकिन जिला खनिज अधिकरियों द्वारा ईमानदारी से रेत के अवैध करोबार को रोकने का प्रयास नहीं किया जाता जिस वजह से जिले के लिये रेत का काला करोबार अब नासूर बनता जा रहा |