अंधेर नगरी चौपट राजा जैसा बना तत्कालीन सांसद अनूप मिश्रा का आदर्श गांव पडावली 


अंधेर नगरी चौपट राजा जैसा बना तत्कालीन सांसद अनूप मिश्रा का आदर्श गांव पडावली



मुरैना------आपको बता दें कि यह पढ़ावली गांव तत्कालीन सांसद अनूप मिश्रा द्वारा गोद लिया गया गांव था जिसमें आप विकास की राह अपनी आंखों से देख सकते हैं कि आखिर विकास से कोसों दूर क्यों रहा यह गांव पढ़ावली जहां पर बुजुर्ग ग्रामीण निकलने में रास्ते में गिर भी पड़ते हैं बाइक सवार एवं स्कूली बच्चों के लिए रास्ता तक नहीं है यह हाल आप स्वयं देख सकते हैं जबकि यह तत्कालीन सांसद अनूप मिश्रा का आदर्श ग्राम था जहां पर पुरातत्व विभाग से संरक्षित महकमे मंदिर समूह बटेश्वर तथा गढ़ी पडावली जैसे हैं जहां पर पर्यटकों का आवागमन हरदम बना रहता है लेकिन इस प्रकार का गांव देखकर पर्यटक भी अचंभा करते हैं यहां पर यह संरक्षित महकमे हैं इनके लिए विकास होना चाहिए लेकिन यहां पर रास्तों में कीचड़, खच्चर तथा साफ-सफाई भी नहीं है संरक्षित स्मारक के लिए जाने वाली सड़क ही कूड़े युक्त हैं यहां से गुजरने वाले पर्यटक भी धूल, धक्कड़ एवं कचरे से गंदगी देखकर अचंभा करते हैं कि इस ग्राम के आसपास भी स्वच्छता अभियान नहीं निकला तथा प्रधानमंत्री के स्वच्छता अभियान को पलीता ग्राम पंचायत पडावली में लगाया जा रहा है जहां पर भले ही कितने भी दावे प्रशासन करता रहे लेकिन पडावली में स्वच्छता के नाम पर दिखावा ही हुआ है भले ही सभी विभागों ने 23 मार्च 2015 को अपनी अपनी भागीदारी लेकर विकास कार्य करने को घोषणाएं की थी लेकिन आज दिनांक तक वह घोषणाएं मालूम ही नहीं चला कि आखिर चली कहां गई जिसमें हाई स्कूल गांव में ही करने के लिए घोषणा की गई थी जिससे बच्चियों को उच्च शिक्षा का लाभ मिल सके लेकिन आज दिनांक तक वह सपना साकार ही नहीं हुआ तथा युवा पीढ़ी के लिए स्टेडियम की व्यवस्था की घोषणा थी लेकिन स्टेडियम कोसों दूर तक नजर नहीं आ रहा है सीवर लाइन तथा सड़कों का चौड़ीकरण एवं सौंदर्यीकरण स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था थी घोषणा कहां रह गई इसका ग्रामीणों को मालूम ही नहीं चला ग्रामीणों से प्राप्त जानकारी के अनुसार बताया गया है कि कई बार ग्राम पंचायत के जनप्रिनिधियों से मौखिक रूप से अधिकारियों से कहने के अनुसार भी आज दिनांक तक साफ-सफाई तथा रास्ता नहीं बनाया गया है लेकिन  अंधेर नगरी चौपट राजा जैसा बनाए हुए हैं तत्कालीन सांसद आदर्श ग्राम पढ़ाबली अब देखना यह है कि क्या मुरैना का प्रशासन इस पडावली गांव की पुरातत्व की धरोहर एवं युवा पीढ़ी के विषय में तथा उच्च शिक्षा के विषय में सीवर प्रोजेक्ट जैसे स्टेडियम जैसे कार्यों की ओर ध्यान देगा या मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा।